The Definitive Guide to Shodashi
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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
Her illustration just isn't static but evolves with artistic and cultural influences, reflecting the dynamic nature of divine expression.
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
Goddess Shodashi is commonly connected to splendor, and chanting her mantra inspires internal attractiveness and self-acceptance. This benefit encourages people to embrace their reliable selves and cultivate self-self esteem, encouraging them radiate positivity and grace of their each day lives.
She is part from the Tridevi as well as the Mahavidyas, symbolizing a spectrum of divine femininity and related to both delicate and intense aspects.
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में more info वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥
Hadi mantras are noted for their electricity to purify and are usually used for cleansing rituals and preparatory practices.